क्या होता है अगर कुंडली में मंगल दोष हो तो ?
कुंडली में होने वाला मंगल दोष अत्यधिक प्रभावशाली होता है।
कुंडली में मंगल ग्रह की जो स्थिति है एवं व दृष्टी दोनों ही प्रभाव रखते हैं ज्योतिष के अनुसार इस दोष का सबसे अधिक प्रभाव किसी मंगली के विवाह सम्बंधों में ही पड़ता हैं।
इसलिए ज्योतिषी के अनुसार जन्मकुंडली मिलान के समय मंगल दोष का उपचार कर लेना या इसके बारे में उचित परमर्श ले लेना आवश्यक होता है। इस दोष के कारण जीवनसाथी की मौत होने की भी आंशका रहती है।
जब व्यक्ति की जन्मकुंडली में मंगल के पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें स्थान में स्थित होता है
तब कोई व्यक्ति इस तरह के दोष से परेशान रहता है।
मंगल का इन स्थानों में स्थित होने जातक के विवाह संबंधों में परेशानी आती है।मांगलिक दोष उपायविवाह में देरी।
विवाह तय होने के बाद टूट जाना, विवाह में होते होते वाधाएं आना।
शादी के बाद जीवनसाथी के साथ अनबन रहना।
वैवाहिक जीवन में परेशानियां। मंगल जातक का हमेशा क्रोध करते रहना।
मांगलिक दोष के प्रभाव में जातक क्रोधी, अहंकारी और झगड़ालू होता जाता है। मंगली लड़की के विवाह में देरी मंगली लड़की के प्रभाव से पति पर बुरा असर होना।
मांगलिक दोष उपाय -मांगलिक दोष का सबसे उत्तम उपाय किसी मांगलिक से विवाह करना है, इससे मंगल दोष का प्रभाव कम हो जाता है। मांगलिक जातक को ‘पीपल’ विवाह, कुंभ विवाह, शालिग्राम विवाह तथा मंगल यंत्र का पूजन आदि करना चाहिए। इसके प्रभाव से वह सामान्य ग्रह के जातक से संबंध रख पाएगा। इस उपाय से मंगल का दोष उतर जाता है। मांगलिक कन्या का विवाह किसी अन्य ग्रह वाले लड़के से हो तो दोष निवारण के लिए वह मंगला गौरी और वट सावित्री का व्रत अवश्य करे। इससे लड़की को सौभाग्य प्राप्त होगा। मांगलिक दोषी को महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। आंशिक मांगलिक दोष 18 वर्ष की आयु तक रहता है जिसके निवारण में पूजन एवं अनुष्ठान करें। शांति पूजा से भी आंशिक मंगल दोष का दुष्प्रभाव कम होता है। कुंडली में कई बार एकाधिक मांगलिक दोष भी होता है। इसको खत्म करने के लिए भी उपाय हैं जिसमें कुंभ विवाह करवाना होता है। इसके लिए मांगलिक का विवाह एक मिट्टी के बर्तन से करवा दें। विवाह के पश्चात् इस बर्तन को बहते जल में प्रवाहित कर दें। इस उपाय से मांगलिक दोष पूरी तरह समाप्त हो जाता है। मांगलिक दोष वाले जातक को हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। मंगली लड़की को गणेश जी और मंगल यंत्र की पूजा करनी चाहिए। मांगलिक को मंगलवार को व्रत करना चाहिए, हनुमान मंदिर जाकर प्रसाद चढ़ाने से दोष प्रभाव कम होता है।
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