Loading
Kaal Sarp Dosp PujaKaal Sarp Dosp PujaKaal Sarp Dosp Puja
(Mon - Saturday)
info@panditg.in
Ujjain

आंशिक और एकाधिक मंगल दोष से जीवन में क्या प्रभाव पड़ता है?

मंगल दोष, जिसे “मांगलिक दोष” भी कहा जाता है, वैदिक ज्योतिष में एक प्रमुख दोष माना जाता है। यह तब उत्पन्न होता है जब मंगल ग्रह व्यक्ति की कुंडली के 1, 2, 4, 7, 8 या 12वें घर में स्थित होता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याओं और चुनौतियों को जन्म दे सकता है। लेकिन जब किसी व्यक्ति की कुंडली में आंशिक या एकाधिक मंगल दोष हो, तो इसके प्रभाव और भी जटिल हो सकते हैं।

आंशिक मंगल दोष क्या है?

जब मंगल ग्रह पूरी तरह से दोषपूर्ण स्थिति में न होकर कुंडली के कुछ हिस्सों पर ही असर डालता है, तो उसे आंशिक मंगल दोष कहा जाता है। आंशिक मंगल दोष के प्रभाव पूर्ण मंगल दोष के मुकाबले हल्के होते हैं, लेकिन फिर भी यह व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक असर डाल सकता है।

आंशिक मंगल दोष के प्रभाव:

  1. विवाह में देरी: आंशिक मंगल दोष से शादी में देरी हो सकती है। विवाह प्रस्तावों में रुकावटें आ सकती हैं और सही जीवन साथी चुनने में कठिनाई हो सकती है।
  2. वैवाहिक जीवन में समस्याएँ: विवाहित जीवन में संघर्ष और तनाव की संभावना बढ़ सकती है। पति-पत्नी के बीच गलतफहमी और झगड़े हो सकते हैं।
  3. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ: आंशिक मंगल दोष से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है, विशेष रूप से रक्तचाप और सर्जरी से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
  4. वित्तीय समस्याएँ: इस दोष के कारण आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें अचानक से धन की हानि या वित्तीय अस्थिरता शामिल हो सकती है।

एकाधिक मंगल दोष क्या है?

जब किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह एक से अधिक स्थानों पर दोषपूर्ण स्थिति में होता है, तो उसे एकाधिक मंगल दोष कहा जाता है। यह स्थिति पूर्ण मंगल दोष की तुलना में अधिक गंभीर मानी जाती है और इसके परिणामस्वरूप व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की कठिनाइयाँ आ सकती हैं।

एकाधिक मंगल दोष के प्रभाव:

  1. गंभीर वैवाहिक समस्याएँ: एकाधिक मंगल दोष से विवाह के बाद अत्यधिक तनाव और संघर्ष हो सकता है। तलाक या अलगाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
  2. व्यावसायिक और व्यक्तिगत जीवन में बाधाएँ: इस दोष के कारण व्यक्ति को करियर में अस्थिरता और व्यवसाय में असफलता का सामना करना पड़ सकता है। व्यवसायिक साझेदारियों में धोखाधड़ी की संभावना भी बढ़ जाती है।
  3. स्वास्थ्य समस्याएँ: एकाधिक मंगल दोष से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि दुर्घटनाएं, सर्जरी, और अन्य जीवन-धमकाने वाली बीमारियां।
  4. आक्रामकता और तनाव: इस दोष के कारण व्यक्ति अत्यधिक आक्रामक और तनावपूर्ण हो सकता है, जिससे उसके संबंध और सामाजिक जीवन प्रभावित हो सकते हैं।

मंगल दोष का समाधान

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में आंशिक या एकाधिक मंगल दोष है, तो निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  1. मंगल दोष पूजा: विशेष रूप से मंगल ग्रह के दोषों को शांत करने के लिए मंगल दोष निवारण पूजा की जाती है। PanditG.in पर आप यह पूजा अनुभवी पंडितों से करवा सकते हैं।
  2. हनुमानजी की पूजा: हनुमानजी को मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को कम करने वाला माना जाता है। हर मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करने से लाभ होता है।
  3. रुद्राभिषेक: भगवान शिव की पूजा, विशेष रूप से रुद्राभिषेक, मंगल दोष को कम करने में सहायक मानी जाती है।
  4. मंगल मंत्र का जाप: “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” मंत्र का नियमित जाप करने से मंगल दोष के प्रभाव कम किए जा सकते हैं।
  5. व्रत और दान: मंगलवार को व्रत रखने और लाल वस्त्र, मसूर दाल और तांबे के बर्तन का दान करने से भी दोष में कमी आती है।

निष्कर्ष

आंशिक और एकाधिक मंगल दोष जीवन में विभिन्न प्रकार की चुनौतियाँ उत्पन्न कर सकते हैं, जिनसे विवाह, स्वास्थ्य, और करियर प्रभावित हो सकते हैं। हालाँकि, सही समय पर किए गए उपायों और पूजा-पाठ से इन दोषों के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है। यदि आपकी कुंडली में मंगल दोष है, तो आप PanditG.in के माध्यम से विशेषज्ञ पंडितों की सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को मंगलमय बना सकते हैं।

Call – 8989540544

Website – www.panditg.in

Leave A Comment