जानिये किस तरह प्रभावित करता है कुंडली में अगर आंशिक और एकाधिक मंगल दोष हो तो ??
कुंडली में मंगल दोष का होना। बहुत अधिक प्रभावशाली माना गया है। कुंडली में मंगल ग्रह की। दृष्टि एवं स्थिति दोनों का प्रभाव रहता ह , ज्योतिषी के अनुसार मंगल दोष जो होता है। उसका सबसे अधिक प्रभाव विवाह संबंधों में ही पड़ता है। इसलिए जन्म कुंडली मिलाने के दौरान मंगल दोष का समाधान करना अति आवश्यक होता है ,,क्योंकि मंगल दोष के ही कारण जो जीवनसाथी होता है उसके मौत होने तक की आशंका रहती है। किसी की जन्म कुंडली में जब मंगल पहले,चौथे एवं सातवें और आठवें तथा बारहवें स्थान में स्थित होता है। तभी जो दोष बनता है वह व्यक्ति मंगल दोष से परेशान रहता है।
जाने कैसे खत्म करें मांगलिक दोष को?
मांगलिक दोष का सर्वोत्तम उपाय होता है कि उसका विवाह मांगलिक से ही हो जाए। इससे जो मंगल दोष है, उसका प्रभाव कम हो जाता है। जो मांगलिक जातक रहता है। उसको कुंभ विवाह शालिगराम विवाह, तथा पीपल विवाह एवं मंगल यंत्र का पूजन आदि जरूर करना चाहिए। इसके कारण व सामान्य ग्रह के जातक से भी संबंध रख पाएगा। एवं इस उपाय से मंगल का दोष उतर जाता है।
जानिए आंशिक मांगलिक दोष के बारे में ?
आंशिक मांगलिक दोष 18 वर्ष की आयु तक रहता है। इसके निवारण हेतु पूजन एवं अनुष्ठान करना चाहिए। आंशिक मंगल दोष का दुष्प्रभाव शांति पूजा से भी कम हो जाता है।
क्या होता है एकाधिक मांगलिक दोष ?
कुंडली में बहुत सी बार एकाधिक मांगलिक दोष भी होता है। इसको समाप्त करने के लिए भी उपाय हैं। इसका मुख्य उपाय कुंभ विवाह करवाना होता है। जो मांगलिक जातक रहता है उसका विवाह किसी मिट्टी के बर्तन से करवा दें। विवाह होने के पश्चात , जिस बर्तन से विवाह कराया गया है उस बर्तन को बहते जल में प्रवाहित कर दें। इस उपाय से मांगलिक दोष समाप्त हो जाता है।
जानिए और क्या करना चाहिए मांगलिक दोष के जातक को?
1-मांगलिक दोष वाले जातक को प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए !
2- जो लड़की मंगली रहती है उसको गणेश जी और मंगल यंत्र की पूजा करनी चाहिए।
3- जो मांगलिक रहता है उसको मंगलवार का व्रत करना चाहिए।
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