उज्जैन में सिद्धवट वृक्ष की पूजा का धार्मिक महत्व और कारण
उज्जैन में स्थित सिद्धवट वृक्ष का धार्मिक और पौराणिक महत्व अत्यंत विशाल है। यह वट वृक्ष महाकाल वन क्षेत्र में स्थित है और इसे काल से संबंधित अनुष्ठानों और पूजा के लिए एक प्रमुख स्थान माना जाता है।
सिद्धवट वृक्ष का धार्मिक महत्व: हिंदू धर्म के अनुसार, वट वृक्ष को अमरत्व और स्थिरता का प्रतीक माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह वही स्थान है जहां देवी सती का पिंड गिरा था, और तब से इस स्थान का धार्मिक महत्व बढ़ गया। ऐसा माना जाता है कि इस वट वृक्ष के नीचे पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से, पितरों की शांति और तर्पण कर्म के लिए यह स्थान अत्यंत पवित्र माना जाता है।
पूजा का कारण: सिद्धवट वृक्ष के नीचे पितृ तर्पण, श्राद्ध कर्म, और विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं ताकि पितरों की आत्मा को शांति मिल सके। धार्मिक मान्यता है कि यहां पूजा करने से पूर्वजों की आत्माएं प्रसन्न होती हैं और उनके आशीर्वाद से परिवार में सुख और समृद्धि बनी रहती है।
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